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कश्मीर के आढ़तियों पर हिमाचल के सेब बागवानों ने लगाया ये अारोप

कश्मीरी आढ़तियों ने 44 बागवानों से 80 लाख मूल्‍य की पांच हजार से अधिक सेब की पेटियां खरीदी लेकिन किसानों को रकम अदा नहीं की।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 08:38 AM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:38 AM (IST)
कश्मीर के आढ़तियों पर हिमाचल के सेब बागवानों ने लगाया ये अारोप
कश्मीर के आढ़तियों पर हिमाचल के सेब बागवानों ने लगाया ये अारोप

शिमला, रमेश सिंगटा। मंडी जिले के करसोग क्षेत्र के 44 बागवानों के आढ़ती ने सेब की कमाई के 80 लाख हड़प लिए हैं। सेब मौजूदा सेब सीजन में बेचा गया। हजारों पेटियां बेच दी, लेकिन आढ़ती फरार हो गया है। इस संबंध में करसोग के विधायक हीरालाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आढ़ती के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई है। उधर, प्रभावित बागवानों ने स्टेट सीआइडी की स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) के पास शिकायत दी है। एसआइटी ने बागवानों के शिकायत की जांच शुरू कर दी है।भाजपा विधायक के अनुसार उनके हलके में कश्मीरी आढ़ती ने 44 बागवानों से पांच हजार से अधिक सेब की पेटियां खरीदी।

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आढ़ती का नाम परवेज अहमद बताया गया है। यह कश्मीर का रहने वाला है। इसका सहयोगी शिमला के कुमारसैन का है। उसके माध्यम से सेब खरीदा गया। यह खरीद इसी साल जुलाई-अगस्त में की गई।बागवानों को पोस्ट डेटिड चेक दिए गए, लेकिन बैंक खाते में पैसा नहीं है। इसके बाद आढ़ती गायब हो गया है। विधायक ने मामले की जांच पुलिस के उच्च अधिकारियों से करवाने की मांग की है। जांच के लिए एसआइटी गठित की जाए।

आई है शिकायत

सीआइडी के पास सीधे बागवानों ने शिकायत की है। इसमें सात-आठ बागवानों ने पैसा हड़पने की बात कही है। अभी कुछ और शिकायतें भी आ सकती हैं।

करसोग से कुछ बागवानों की ओर से शिकायत आई है। इसमें कहा गया है कि कश्मीरी आढ़ती सेब के पैसों की अदायगी नहीं कर रहा है। ये छोटी-छोटी पेमेंट हैं। इसके आधार पर जांच आरंभ हो गई है। इसके बाद एफआइआर भी दर्ज हो सकती है। 

-वीरेंद्र कालिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआइडी क्राइम।

मैंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। हमारे क्षेत्र से 44 बागवानों का 80 लाख से एक करोड़ रुपये हड़पा गया है। सरकार से आग्रह है कि हड़पे हुए पैसे को वापस बागवानों को दिलाया जाए। दोषी आढ़ती के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाए, ताकि बागवानों की मेहनत के साथ कोई लूट न कर सकें।

-हीरा लाल, विधायक करसोग।

बागवानों से लूट के मामलों में हरकत में आई प्रदेश सरकार

सेब बागवानों को लूट से बचाने के लिए सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने वीरवार को इस संबंध में निर्देश जारी कर बागवानों को सतर्क रहने को कहा है। बागवानों को लूट से बचाने के लिए ‘दैनिक जागरण’ की मुहिम और रंग लाने लगी है। दैनिक जागरण ने बागवानों से लूट के मामलों को सिलसिलेवार उठाया था। मामलों की जांच के लिए डीजीपी एसआर मरडी ने सीआइडी की एसआइटी गठित की थी। अभी तक एसआइटी ने 60 से अधिक एफआइआर दर्ज की हैं। जबकि 20 मामले वे हैं, जिन्हें पुलिस से जांच के लिए सीआइडी को सौंपा गया है। इसमें लगातार आरोपित आढ़तियों से पूछताछ हो रही है।

हिमाचल सरकार ने बागवानों के साथ किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए विस्तृत निर्देश दिए हैं। वीरवार को जारी निर्देशों में बागवानों को सतर्क किया गया है कि अपने उत्पाद को बेचने से पहले आढ़ती के लाइसेंस की प्रमाणिकता जांचें। यह सुनिश्चित करें कि आढ़ती पुलिस द्वारा सत्यापित है। उत्पाद के परिवहन के लिए बागवानों को पंजीकृत ट्रांसपोर्ट यूनियन के वाहनों का ही उपयोग करना चाहिए। फसल को ऑनलाइन भुगतान के माध्यम से बेचें। 

यदि आढ़ती भुगतान चेक के माध्यम से करता है तो लंबी अवधि के पोस्ट डेटिड चेक लेने से परहेज करें। यदि आढ़ती सेब विक्रय का लेने-देन करने में असफल रहता है अथवा आढ़ती द्वारा जारी किया गया चेक बाउंस होता है, उस स्थिति में बागवान को सचिव एपीएमसी या उप निदेशक कृषि को लिखित शिकायत कर सकते है।  

कब गठित हुई एसआइटी

बागवानों से करोड़ों रुपये की लूट मामलों की जांच के लिए मई में डीजीपी एसआर मरडी ने एसआइटी गठित की थी। एएसपी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सीआइडी क्राइम वीरेंद्र कालिया को इसका मुखिया बनाया गया। डीएसपी एससीआरबी प्रमोद चौहान, डीएसपी सीआइडी, शिमला, सीआइडी के स्टेट थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मुकेश, सब इंस्पेक्टर सीआइडी रामानंद, एएसआइ अनिल शर्मा सीआइडी इसके सदस्य है।  

ये दिए निर्देश

  • सेब बेचने से पहले आढ़ती के लाइसेंस की प्रमाणिकता जांचें, पुलिस द्वारा होना चाहिए सत्यापित
  • अन्य राज्यों की मंडियों में सेब ले जाने के लिए पंजीकृत ट्रांसपोर्ट यूनियन के वाहनों का करें इस्तेमाल
  • आढ़ती से लंबी अवधि के पोस्ट डेटिड चेक लेने से बागवान करें परहेज    

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